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भोपाल शहर क्षेत्र: 413 वर्ग कि.मी.
औसत साक्षरता दर: 83.47 %

शहर की जनसंख्या
17,98,218 (2011 जनगणना)

जनसंख्या की सघनता:
3887 प्रति वर्ग कि. मी

शहरी लिंग अनुपात: 1000 : 921
(पुरुष : स्त्री)
भोपाल स्मार्ट सिटी विकास निगम लिमिटेड के बारे में
भोपाल शहर में एक स्पेशल पर्पज़ व्हीकल शामिल किया गया है - भोपाल स्मार्ट सिटी विकास निगम लिमिटेड (BSCDCL) योजना, डिजाइन, लागू करने, समन्वय, और भोपाल में स्मार्ट सिटी परियोजनाओं की निगरानी करने हेतु एक आधिकारिक निगम के रूप में काम करेगी। BSCDCL भारतीय कंपनी अधिनियम 2013 में शामिल एक कंपनी है, इसमें मध्य प्रदश राज्य सरकार के पक्ष से मध्य प्रदेश शहरी विकास कंपनी लिमिटेड तथा भोपाल नगर निगम की बराबर हिस्सेदारी है।
कंपनी विवरण --भारत सरकार एवं मध्य प्रदेश राज्य सरकार की स्मार्ट सिटी मिशन के अंतर्गत स्मार्ट सिटी विकास परियोजनाओं की रचना हेतु, डिजाइन करने, उनके विकास हेतु, उन्हें लागू करने, प्रबंधन, तथा उन्हें बनाए रखने के लिए भोपाल स्मार्ट सिटी विकास निगम लिमिटेड की स्थापना की गयी।
लक्ष्य: “परंपरा एवं विरासत से भरे, झीलों के शहर भोपाल को शिक्षा, अनुसंधान, उद्यमता तथा पर्यटन पर केन्द्रित स्मार्ट, नियोजित, पर्यावरण हितैषी समुदायों का एक प्रमुख गंतव्य बनाना।”
भोपाल स्मार्ट सिटी के लक्ष्य तथा मूल्य:
भारत सरकार का स्मार्ट सिटी मिशन शहरों को आर्थिक गतिविधि के सतत केंद्रों में बदलना चाहता है। भोपाल उन 20 प्रकाशस्तंभ शहरों में से एक है जिन्हें स्मार्ट सिटीज़ चुनौती के पहले दौर में चयनित किया गया है और इससे यह उम्मीद की जा रही है की यह एक मॉडल तैयार करे जो की जो अन्य शहरों के लिए एक प्रकाश स्तंभ की तरह कार्य करेगा। चयनित 20 शहरों में से, 19 शहर इसी तरह की रेट्रोफिटिंग प्रस्तावों के साथ आगे आयें हैं, लेकिन केवल भोपाल को ही उसके पुनर्विकास मॉडल के लिए चुना गया है। इससे भूमि मुद्रीकरण के माध्यम से पारगमन उन्मुख विकास पर विशेष ध्यान देने के साथ ही निवेश, नौकरियों के सृजन और राजस्व उत्पादन के लिए अवसरों का एक महान सागर उत्पन्न हो गया है। भोपाल एक भिन्न प्रकार का प्रकाश स्तम्भ शहर है।
एक स्मार्ट शहर में मूल बुनियादी सुविधाओं के निम्न तत्व शामिल हैं:
- पर्याप्त बिजली तथा पानी की आपूर्ति
- ठोस अपशिष्ट प्रबंधन सहित स्वच्छता
- कुशल शहरी गतिशीलता और सार्वजनिक परिवहन
- मज़बूत सूचना प्रौद्योगिकी कनेक्टिविटी और डिजिटलीकरण
- सुशासन , विशेष रूप से ई-गवर्नेंस और नागरिक भागीदारी
- टिकाऊ पर्यावरण
- नागरिक सुरक्षा, विशेष रूप से महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों की सुरक्षा